Admission



RULES OF ADMISSION PROCEDURE IN COLLEGE CAMPUS

1.  प्रवेश प्रारम्भ की तिथि -
सी.सै. परीक्षा परिणाम घोषित होने के साथ ही महाविधालय में प्रवेश कार्य प्रारम्भ हो जायेगा।

    2.  प्रवेश आवेदन पत्र -
  • 1.  आवेदन पत्र पूर्ण रूप से भरकर कार्यालय में पंजीकरण शुल्क सहित कराना होगा। प्रवेश नहीं मिलने की दशा में उक्त आवेदन पत्र वापिस नहीं किया जायेगा।
  • 2.  प्रवेश आवेदन पत्र महाविधालय कार्यालय से प्रातः 9 बजे से निर्धारित मूल्य रू 150/- देकर प्राप्त किया जा सकता है।

3.  प्रथम वर्ष में प्रवेश की पात्रता -
सीनियर सेकंडरी परीक्षा या समकक्ष परीक्षा में उतीर्ण नियमित / स्वयंपाठी छात्र प्रथम वर्ष वाणिज्य / कला में प्रवेश लेने हेतु योग्य है।

4.  द्वितीय एवं तृतीय पार्ट की कक्षाओं में प्रवेश पात्रता -
इस महाविधालय के नियमित या पूर्व छात्र जिन्होंने प्रथम वर्ष / द्वितीय वर्ष की परीक्षा उतीर्ण की हो या जिन्हे राजस्थान विश्वविधालय ने द्वितीय / तृतीय वर्ष में प्रवेश लेने योग्य घोषित किया हो।

5.  स्वयंपाठी छात्र का द्वितीय / तृतीय पार्ट की कक्षाओं में प्रवेश -
जिन छात्रों ने प्रथम वर्ष की परीक्षा स्वयंपाठी छात्र के रूप में उतीर्ण की है और 45 प्रतिशत या इससे अधिक अंक प्राप्त किये है, द्वितीय वर्ष की कक्षा में प्रवेश लेने हेतु योग्य है।
तृतीय वर्ष में स्वयंपाठी छात्र को ऐसी परिस्थिति में ही प्रवेश दिया जा सकेगा जब उसने प्रथम वर्ष की परीक्षा नियमित छात्र के रूप में उतीर्ण की हो एवं द्वितीय वर्ष की परीक्षा में न्यूनतम 45 प्रतिशत अंक प्राप्त किये हो।

    6.  पूरक परीक्षा में बैठने योग्य छात्रों का प्रवेश -
  • 1.  सी. सैकंडरी या समक्ष परीक्षा में पूरक परीक्षा में बैठने योग्य छात्र नियमित छात्रों के साथ ही निर्धारित तिथि तक अस्थायी प्रवेश स्वयं के उतरदायित्व पर ले सकेंगे। ऐसे छात्र पूरक परीक्षा के परिणाम घोषित होने के 15 दिन में अपनी मूल अंकतालिका एवं उसकी तीन सत्यापित प्रतिलिपियाँ कार्यालय में जमा कराये अन्यथा उनका प्रवेश रद्द माना जायेगा।
  • 2.  पूरक परीक्षा में अनुतीर्ण होने की स्थिति में छात्र का अस्थाई प्रवेश स्वत: रद्द हो जावेगा एवं जमा कराया गया शुल्क (रक्षित निधि के अतिरिक्त) किसी भी दशा में नहीं लौटाया जायेगा।

7.  पुनर्मूल्यांकन के फलस्वरूप उतीर्ण या विलम्ब से परीक्षा घोषित होने की स्थिति में प्रवेश -
किसी विधार्थी के उसकी उतर पुस्तिका के पुनर्मूल्यांकन के फलस्वरूप अर्हकारी परीक्षा में उतीर्ण घोषित होने की स्थिति में उसे अगली कक्षा में प्रवेश के लिए 10 दिन की अवधि में या 31 दिसंबर तक जो भी पहले हो प्रवेश हेतु आवेदन करना होगा।
पुनर्मूल्यांकन का परिणाम 31 दिसम्बर के बाद घोषित किये जाने की स्थिति में यदि विश्वविधालय नियमित प्रवेश दिए जाने की अंतिम तिथि 31 दिसम्बर में शिथिलता प्रदान कर देता है तो उसी के अनुसार महाविधालय में प्रवेश दिया जा सकेगा। ये प्रावधान स्नातक द्वितीय वर्ष, तृतीय वर्ष एवं स्नातकोत्तर (उत्तरार्द्व) में प्रवेश हेतु मान्य होंगे। किसी कारणवश परीक्षा परिणाम विलम्ब से घोषित किये जाने की स्थिति में भी छात्रों के प्रवेश से संबंधित प्रकरण इसी प्रक्रिया के अनुसार निरस्तारित किये जायेंगे।

8.  अंतराल के पश्चात प्रवेश -
अर्हकारी परीक्षा उत्तीर्ण अभ्यर्थी यदि किसी कारणवश परीक्षा उत्तीर्ण करने वाले वर्ष के पश्चातवर्ती दो अकादमिक सत्रों तक नियमित छात्र के रूप में किसी महाविधालय का विधार्थी नहीं रहा है तो ऐसे अभ्यर्थी को भी स्नातक प्रथम भाग में प्रवेश दिया जा सकेगा। परन्तु प्रवेश के लिए निम्नांकित शर्ते लागु होगी :-

  • 1.  ऐसे छात्र को आवेदन पत्र के साथ 10 रुपये मूल्य के नॉन जुडिशियल स्टाम्प पेपर पर इस आशय का एक शपथ पत्र प्रस्तुत करना होगा कि वह इस अंतराल की अवधि में किसी शैक्षणिक संस्था का नियमित छात्र अथवा किसी विश्वविधालय का स्वयंपाठी छात्र नहीं रहा है। यदि इस अंतराल की अवधि में वह किसी तकनीकी या प्रशिक्षण संस्था का नियमित छात्र रहा हो अथवा तकनीकी या प्रशिक्षण पाठ्यक्रम में किसी विश्वविधालय का स्वयंपाठी छात्र रहा हो, तो उसे शपथ पत्र में यह भी अंकित करना होगा कि उसे शैक्षणिक संस्था अथवा विश्वविधालय द्वारा प्रवेश अथवा परीक्षा के लिए अयोग्य घोषित नहीं किया गया है। शपथ पत्र में उसे यह भी अंकित करना होगा कि अंतराल की अवधि में उसका आचरण संतोषजनक रहा है। तथा किसी आपराधिक प्रकरण में दण्डित नहीं किया गया है।
  • 2.  यह शपथ पत्र नोटेरी पब्लिक अथवा प्रथम श्रेणी दण्डनायक द्वारा सत्यापित किया हुआ होना चाहिए।
  • 3.  छात्र / अभ्यर्थी को यह शपथ पत्र अपने आवेदन पत्र के साथ अनिवार्यत: लगाना होगा। उपर्युक्त शपथ पत्र की प्रस्तुति के पश्चात् ही उक्त छात्र / अभ्यर्थी के आवेदन पत्र पर विचार किया जावेगा।
  • 4.  तत्पश्चात आवेदक छात्र को अन्य पात्र छात्रों हेतु तैयार की गई योग्यता सूची क्रम में स्थान पाने की स्थिति में ही प्रवेश दिया जा सकेगा।
  • 5.  दो अकादमिक सत्रों से अधिक अंतराल व्यतीत होने के पश्चात आवेदक को किसी भी परिस्थिति में प्रवेश की अनुमति नहीं दी जावेगी।

9.  अनुत्तीर्ण विधार्थियो का प्रवेश -
एक बार नियमित या स्वयंपाठी छात्र यदि अनुत्तीर्ण होता है या परीक्षा में नहीं बैठ पाता है अथवा उपस्थिति की न्यूनता के कारण परीक्षा देने से वंचित किया जाता है तो उसी संकाय अथवा भिन्न संकाय की उसी कक्षा में पुनः प्रवेश नहीं दिया जायेगा। लेकिन यदि विधार्थी ने पिछले सत्र में महाविधालय के नियमित छात्र के रूप में अंतर विश्वविधालय / अंतर्राज्यीय / अंतर्राष्ट्रीय प्रतियोगिता में भाग लिया हो तो उसको उसी कक्षा में एक बार पुनः प्रवेश दिया जा सकेगा। यदि कोई छात्र एक संकाय में स्नातक उपाधि प्राप्त करने के बाद पुनः अन्य संकाय के पार्ट प्रथम में प्रवेश लेने हेतु आवेदन करना है अथवा कोई छात्र किसी कक्षा में उत्तीर्ण घोषित किये जाने के बाद अंक सुधार हेतु उसी कक्षा में प्रवेश लेने हेतु आवेदन करता है तो ऐसे छात्र को प्रवेश नहीं दिया जायेगा।

10.  आवेदन पत्र के साथ संलग्न प्रमाण पत्र :-

1.  नए छात्रों को जिन्होंने अंतिम परीक्षा नियमित छात्र के रूप में उत्तीर्ण की है -
  • (क) अंतिम उत्तीर्ण परीक्षा की मूल अंकतालिका एवं उसकी सत्यापित प्रतिलिपियाँ।
  • (ख) अंतिम संस्था के स्थानांतरण प्रमाण पत्र (T.C.)एवं चरित्र प्रमाण पत्र (C.C.)मूल प्रति।
  • (ग)  राजस्थान विश्वविधालय के बाहर से आने वाले प्रवेशार्थियों को मूल प्रवजन (Migration Certificate)प्रमाण पत्र।
  • (घ)  यदि प्रवेशार्थी ने पाठ्येत्तर गतिविधियों में भाग लिया है तो उनके प्रमाण पत्रों की सत्यापित प्रतिलिपियाँ।
  • 2.  नए छात्रों को, जिन्होंने अर्हकारी (Qualifying exam.) परीक्षा स्वयंपाठी छात्र के रूप में उत्तीर्ण की है :-
  • (क) अंतिम उत्तीर्ण परीक्षा की मूल अंकतालिका एवं उसकी तीन प्रमाणित प्रतिलिपियाँ।
  • (ख) दो राजपत्रित अधिकारियों द्वारा दिया चरित्र प्रमाण पत्र जो तीन माह से अधिक पुराना ना हो।
  • 3.  इस महाविधालय के नियमित / पूर्व छात्र - आवेदन पत्र के साथ मूल अंकतालिका की तीन सत्यापित प्रतिलिपियाँ।

    4.  यदि छात्र अनुसूचित जाति / जनजाति का है तो उसकी पुष्टि हेतु जिला कलेक्टर / प्रथम श्रेणी के दंडनायक का प्रमाण पत्र संलग्न करें।

    11.  प्रवेश योग्यता के आधार पर वरीयता क्रम में दिये जायेंगे।

    12.  यदि प्रवेशार्थी आवेदन पत्र के साथ कोई आवश्यक प्रमाण पत्र प्रस्तुत नहीं करेगा तो प्रवेश नहीं दिया जायेगा परन्तु प्राचार्य विशेष स्थिति में अस्थायी प्रवेश दे सकता है। ऐसी दशा में प्रवेशार्थी को स्वयं ही निर्धारित अवधि में आवश्यक प्रमाण पत्र प्रस्तुत कर प्रवेश स्थायी करवा लेना चाहिए अन्यथा प्रवेश आवेदन पत्र अपूर्ण रहने पर बिना किसी पूर्व सुचना के प्रवेश निरस्त हो जायेगा।

    13.  प्रवेश हेतु चयनित छात्रों को निर्धारित तिथि तक प्रवेश शुल्क जमा करवाकर उसकी रसीद प्राप्त कर लेनी चाहिये। रसीद प्राप्त करने के साथ ही अपना परिचय पत्र एवं रीडर्स टिकिट बनवा लेने चाहिए।

    14.  प्राचार्य को किसी भी छात्र का बिना कारण बताए प्रवेश अस्वीकार करने का अधिकार होगा।

    15.  प्राचार्य को प्रवेश नियमों में संसोधन करने का अधिकार है।

    विशेष -  छात्रों के हित में सलाह दी जाती है कि प्रवेश लेते समय मूल अंकतालिका की अतिरिक्त प्रतियां तैयार कर अपने पास रखें। मूल अंकतालिका नामांकन हेतु विश्वविधालय भेज दी जाती है और वहां से वापिस आने पर ही अंकतालिका छात्रों को लौटायी जाती है।

    16.  प्रवेशार्थी को प्रवेश साक्षात्कार हेतु महाविधालय प्रवेश समिति के समक्ष उपस्थित होना होगा। प्रवेश समिति की अनुशंसा के पश्चात ही प्रवेश दिया जा सकेगा।

    17.  प्रवेश संबंधी अन्य जानकारी के लिए प्रवेश समिति से सम्पर्क करे।

    18.  प्रवेश अस्वीकार करने का आधार :-

    प्राचार्य को निम्नांकित स्थितियों में प्रवेशार्थी का प्रवेश अस्वीकार करने का अधिकार है -
  • 1.  ऐसा छात्र जिसने प्रवेश हेतु प्रस्तुत आवेदन पत्र में कोई तथ्य जान-बूझकर छिपाया हो या मिथ्या प्रस्तुत किया हो।
  • 2.  जिसने निर्धारित तिथि तक महाविधालय में शुल्क जमा नहीं कराया हो।
  • 3.  जिसने आवेदन पत्र जमा कराने की घोषित अंतिम तिथि के पश्चात या अपूर्ण आवेदन पत्र प्रस्तुत किया हो।
  • 4.  जिसने महाविधालय में प्रवेश पाने के लिए अनुचित साधनो का प्रयोग किया हो।
  • 5.  जिसका प्रवेश सम्बद्वक विश्वविधालय के नियमो के अंतर्गत स्वीकार न हो।
  • 6.  ऐसा छात्र जो पूर्व के वर्षो में दुराचार / दुर्व्यहार का अपराधी रहा हो या विश्वविधालय परीक्षा काल में कदाचार का दोषी रहा हो।
  • 7.  परीक्षा में अनुचित साधनों के प्रयोग के लिए बोर्ड अथवा विश्वविधालय द्वारा दण्डित किया गया हो।
  • 8.  ऐसा छात्र जिसके विरुद्ध किसी शैक्षणिक अथवा अशैक्षणिक कर्मचारी के साथ परिसर में या परिसर के बाहर हिंसात्मक व्यवहार करने का आपराधिक मामला न्यायालय में विचाराधीन हो।
  • 9.  ऐसा छात्र जो न्यायलय के द्वारा नैतिक कदाचार अथवा इसी प्रकार के अन्य अपराध के कारण दोषी ठहराया गया हो।
  • 10.  ऐसा छात्र जो प्रवेश प्रक्रिया के समय किसी शैक्षणिक / अशैक्षणिक कर्मचारी के साथ दुराचार / दुर्व्यवहार अथवा गालीगलौच करने का दोषी हो।
  • 11.  छात्र के किसी अवांछनीय आचरण के कारण।
  • 12.  प्रवेश हेतु स्थान उपलब्ध न होने के कारण।

  • CONTACT INFO

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    Phone : +91-7240255503
    E-mail : collegebsn@gmail.com
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